पुलवामा में सीआरपीएफ के 40 जवानों की हत्या की पूरी साजिश से जल्द ही पर्दा उठ सकता

नई दिल्ली। पुलवामा में सीआरपीएफ के 40 जवानों की हत्या की पूरी साजिश से जल्द ही पर्दा उठ सकता है। एनआइए ने इस मामले में अहम सबूत मिलने का दावा किया है। एनआइए के अनुसार नए सबूतों के आधार पर पूरी साजिश में शामिल कई आरोपियों की पहचान हुई है और उनसे आगे की पूछताछ की जा रही है। गौरतलब है इस हमले में शामिल हमलावर समेत पांच संदिग्ध मारे जा चुके हैं, लेकिन पूरी साजिश से अभी तक पर्दा नहीं उठ पाया है।


कोई भी जिंदा आरोपी नहीं पकड़ा गया


दरअसल पुलवामा हमले के एक साल बाद भी एनआइए चार्जशीट दाखिल नहीं कर पाया था। इसकी जांच में सबसे बड़ी समस्या यह थी कि इसकी साजिश में शामिल कोई भी आरोपी जिंदा नहीं पकड़ा जा सका। हमलावर आदिल अहमद डार तो मौके पर ही मर गया। हमले की साजिश में मुख्य भूमिका निभाने वाला मुदासिर अहमद खान 25 दिन बाद ही पिछले साल 10 मार्च को मुठभेड़ मारा गया। इसके बाद पिछले साल ही साजिश में शामिल कमरान को 29 मार्च और सज्जाद भट को 18 जून को मुठभेड़ में मार गिराया गया। इस साल 25 जनवरी को मारा गया कारी यासर भी पुलवामा हमले की साजिश में शामिल बताया जाता है। इसके अलावा पुलवामा हमले के लिए कार की व्यस्था करने वाला पकड़े जाने के पहले ही जैश ए मोहम्मद में शामिल हो गया और अभी तक पकड़ में नहीं आया है।


एनआइए को मिली कई कड़ियां, पर्दाफाश में हो सकती हैं मददगार


एनआइए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि साजिश में शामिल आरोपी आतंकियों के मारे जाने के बावजूद यह सवाल बना हुआ था कि इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक कहां से लाए गए और अ‌र्द्धसैनिक बलों के काफिले की गतिविधियों की सटीक जानकारी हमलावरों तक कैसे पहुंची। जाहिर है इसमें बहुत सारे ऐसे लोग शामिल होंगे, जो सीधे आतंकी गतिविधियों से नहीं जुड़े थे। बिना किसी सबूत या गवाह के ऐसे लोगों तक पहुंचना संभव नहीं था। लेकिन अब इसमें बड़ी सफलता मिली है। पुलवामा हमले की साजिश से जुड़ी कुछ ऐसी कड़ियां मिली हैं, जो इसके पर्दाफाश में मददगार साबित हो सकती हैं। लेकिन एनआइए ने इन कड़ियों के बारे में कुछ भी बताने से इनकार कर दिया।


एनआइए के हिरासत में है डीएसपी देवेंद्र सिंह


वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इसका खुलासा जल्द ही किया जाएगा। नए खुलासे का तार कहां से मिलना मिलना शुरू हुआ इसकी तो औपचारिक कोई पुष्टि नहीं है लेकिन ध्यान रहे कि करीब दो महीने पूर्व आतंकियों से साठगांठ के आरोप में जम्मू -कश्मीर के डीएसपी देवेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया गया था। जो एनआइए के हिरासत में हैं।


वहीं, एनआइए ने आधिकारिक तौर पर इन खबरों का खंडन किया कि पुलवामा हमले से जुड़े एक आरोपी युसुफ चोपान को दिल्ली की एनआइए की अदालत से जमानत मिल गई है। एनआइए ने साफ किया कि युसुफ चोपान को पुलवामा हमले के आरोप में कभी गिरफ्तार ही नहीं किया गया था। इसके बजाय उसकी गिरफ्तारी जैश ए मोहम्मद से दिल्ली देश के दूसरे इलाके में आतंकी हमले की हमले की साजिश के सिलसिले में दर्ज दूसरे केस में गिरफ्तार किया गया था।


 

इस मामले में एनआइए में जैश ए मोहम्मद के सात ओवरग्राउंड वर्कर को गिरफ्तार किया था। इसमें छह के खिलाफ दो चार्जशीट दाखिल की गई थी। पर्याप्त सबूत नहीं होने के कारण युसुफ चोपान का नाम चार्जशीट में शामिल नहीं था। जाहिर है तकनीकी आधार पर अदालत से उसे जमानत मिल गई। लेकिन पुलवामा के जिला मजिस्ट्रेट के आदेश पर उसे पब्लिक सेफ्टी एक्ट में गिरफ्तार कर जम्मू के कोट भलवल जेल में भेज दिया गया है।